मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक ने शुक्रवार को कहा कि पर्याप्त मात्रा में
पुनर्मुद्रण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को अतिरिक्त 1.15 लाख करोड रूपये
मूल्य के नोटों को छापने की जरूरत है। एसबीआई ने कहा कि 24 मार्च तक 13.12
लाख करोड रूपये चलन में थे।
एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग के मुख्य आर्थिक सलाहकार कांति घोष ने एक
रिपोर्ट में कहा, हमारा मानना है कि आरबीआई को अतिरिक्त 1.15 लाख करोड
रूपये के नोट छापने चाहिए और औसत गति से नोटों की छपाई की जाए तो प्रक्रिया
अप्रैल के पहले पखवाडे में पूरी हो जाएगी।
चार नवंबर, 2016 के आंकडों के मुताबिक नोटबंदी से पहले 17.97 लाख करोड
रूपये चलन में थे। एसबीआई ने कहा कि पर्याप्त पुनर्मुद्रण के लिए कुल 14.27
लाख करोड रूपये बाजार में लाना काफी है।
घोष ने कहा, नोटबंदी के बाद पुनर्मुद्रण के लिए प्रिंटिंग प्रेस को नोटों
की छपाई दिन-रात करनी पड रही है ताकि पहले की अवस्था प्राप्त की जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका मानना है कि आरबीआई को उतने मूल्य के नोटों को
छापने की जरूरत नहीं है, जितने नोटबंदी के दौरान रद्द किए गए थे। घोष ने
कहा, ऎसा इसलिए, क्योंकि नोटबंदी से पहले बाजार में अतिरिक्त मात्रा में
नकदी चलन में थी।
किसान आंदोलन की दिशा तय करने के लिए बनी पांच सदस्यीय समिति - राकेश टिकैत
‘बैलेट पेपर से चुनाव कराओ, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा’, लोकसभा में बोलीं प्रियंका गांधी वाड्रा
संध्या थिएटर मामला - पुष्पा की सुबह गिरफ्तारी, दोपहर बाद जमानत
Daily Horoscope