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रुपया जा सकता है 70 के पार, जानें- वजह, ये होंगे फायदे और नुकसान

मुंबई। डॉलर के मुकाबले रुपए में यूं तो रोजाना कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। लेकिन गुरुवार को यह भारतीय मुद्रा अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 69.09 रुपए के स्तर पर पहुंच गया। बाजार के भागीदारों का मानना है कि रुपया जल्द ही डॉलर के मुकाबले 70 के स्तर को पार कर सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट की मुख्य वजह कच्चे तेल की कीमतों में तेजी है।

कच्चा तेल महज एक हफ्ते में 72.5 डॉलर प्रति बैरल से बढक़र 77.3 डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिका द्वारा ईरान के तेल के आयात पर पाबंदी लगाने से इसके दाम चढ़ रहे हैं। व्यापार युद्घ की आशंका से भी उभरते बाजारों की मुद्रा पर दबाव बढ़ रहा है। इससे भारत सहित उभरते बाजारों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली तेज हो गई है। इस साल अब तक विदेशी निवेशकों ने भारत से करीब 7 अरब डॉलर की निकासी की है।

भारत पर पड़ रही है दोतरफा मार:-

रुपए में नरमी से शेयर बाजार में भी बिकवाली का दबाव देखा गया और स्मॉल कैप एवं मिडकैप शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और अमेरिकी-चीन के बीच व्यापार युद्घ से भी निवेशकों में घबराहट देखी जा रही है। फस्र्ट रैंड बैंक के वरिष्ठï करेंसी ट्रेडर अमन महाना ने कहा, भारत पर दोतरफा मार पड़ रही है। आप अन्य चीजों को दुरुस्त कर सकते हैं लेकिन कच्चे तेल की कीमतों पर सीधा असर पड़ता है। जब आपके इलाके के अन्य देशों की मुद्रा में गिरावट आ रही हो तो आपको भी अपनी मुद्रा में नरमी आने देना चाहिए।

वैश्विक व्यापार में चीन को महत्व:-

इस साल डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 7.3 फीसदी फिसला है। लगभग सभी एशियाई देश अपनी मुद्रा में गिरावट आने दे रहे हैं ताकि उनका निर्यात प्रतिस्पर्धी बना रह सके। डॉलर के मुकाबले चीन के युआन में पिछले 10 दिन से गिरावट आ रही है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वैश्विक व्यापार में चीन के महत्व को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर चीन पर किसी तरह का असर पड़ता है तो अन्य देश भी उससे प्रभावित होंगे। इसके साथ ही निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर डॉलर खरीद रहे हैं, जिससे आगे इसमें और मजबूती आ सकती है।

अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक एक साल में 3.34 फीसदी बढक़र 95.20 के स्तर पर पहुंच गया है। डॉलर के मजबूत होने से रुपए में नरमी आना लाजिमी है। अर्थशास्त्रियों का कहना है भारत के साथ एक अच्छी बात यह है कि इसकी डॉलर पर ऋण निर्भरता बहुत ज्यादा नहीं है। ऐसे में अन्य देशों की तुलना में भारत पर असर कम पड़ेगा।

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Web Title-Rupee can cross 70 vs US Dollar, know reason, advantage and disadvantage
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