मुंबई। भारत को परमाणु विद्युत के क्षेत्र में एक वैश्विक हस्ती बनाने की कोशिश में मोदी सरकार परमाणु विद्युत क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने की योजना बना रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) इस पर विचार कर सकता है और यह भारत की परमाणु विद्युत नीति में एक बड़ा बदलाव होगा और उसके बाद देश की परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए निवेश के दरवाजे खुल जाएंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) ने पीएमओ के साथ चर्चा के बाद केंद्रीय कानून मंत्रालय से कानूनी राय मांगी है कि क्या एफडीआई नीति को संशोधित कर परमाणु विद्युत क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोला जा सकता है?
डीएई (अणुशक्ति भवन) की ओर से इस साल आठ जनवरी को लिखे गए एक पत्र में कहा गया है, "डीएई, नीति को संशोधित करने पर परमाणु ऊर्जा आयोग से सलाह लेने के बाद विचार के लिए पीएमओ को एक रिपोर्ट सौंपने का प्रस्ताव करता है।"
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