मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी
(एनआईए) ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि कोरेगांव-भीमा और
एल्गर परिषद मामलों के आरोपियों ने कथित तौर पर महाराष्ट्र और देश में
आतंकी गतिविधियों के लिए दो शीर्ष भारतीय विश्वविद्यालयों के छात्रों की
भर्ती की थी।
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एनआईए का यह बयान पिछले चार वर्षों से भारतीय राजनीति को हिला देने
वाले सनसनीखेज मामलों के संबंध में 16 गिरफ्तार आरोपियों और छह अन्य
भगोड़ों के खिलाफ दायर दोहरे मामलों में चार्जशीट के मसौदे में सामने आया
है।
दोनों मामलों की लंबी जांच के बाद पिछले सप्ताह ड्राफ्ट
चार्जशीट एनआईए स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डी. ई. कोठालीकर के समक्ष
दायर की गई थी।
एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने आतंकवादी गतिविधियों
के लिए दो प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) और टाटा
समाज विज्ञान संस्थान (मुंबई) सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों को
भर्ती किया था।
उन पर प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियों और
विचारधाराओं को बढ़ावा देने, लोगों और छात्रों को लामबंद करने, भारत सरकार
और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश रचने और अस्थिर करने के साथ ही देश की
संप्रभुता को बड़े पैमाने पर खतरे में डालने जैसे गंभीर उद्देश्य रखने का
आरोप है। इसके साथ ही उन पर परिष्कृत हथियारों और विस्फोटकों से संबंधित
प्रशिक्षण देने, बड़े पैमाने पर हिंसा करने, लोगों में आतंक फैलाने और अन्य
प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं।
एनआईए ने कहा
कि इन उद्देश्यों के लिए, आरोपियों ने प्रतिबंधित संगठनों और फ्रंटल
संगठनों के माध्यम से मणिपुर और पड़ोसी देश नेपाल में आपूर्तिकर्ताओं से
4,00,000 राउंड और अन्य हथियारों के साथ एम-4 (परिष्कृत हथियार) की वार्षिक
आपूर्ति के लिए 8 करोड़ रुपये जुटाने की व्यवस्था की थी। केंद्र और
महाराष्ट्र सरकारों को भयभीत और कमजोर करने के लिए यह साजिश रची गई थी।
इन
मामलों में गिरफ्तार आरोपी हैं: सुधीर पी. धवले, वर्नोन एस. गोंजाल्विस
(दोनों मुंबई से), ठाणे के अरुण टी. फरेरा, रोना जे. विल्सन और गौतम नवलखा
(नई दिल्ली से), सुरेंद्र पी. गाडलिंग, शोमा के. सेन, महेश एस. राउत
(नागपुर से), हैदराबाद से पी. वरवर राव, फरीदाबाद के सुधा भारद्वाज, यवतमाल
के आनंद बी. तेलतुंबडे, त्रिचूर के हनी बाबू एम. थरयिल, अहमदनगर के सागर
गोरखे, पुणे के रमेश गायचोर और तमिलनाडु से दिवंगत स्टेन स्वामी। स्वामी की
5 जुलाई को मुंबई में हिरासत में मौत हो गई थी।
फरार आरोपियों के
नाम हैं: यवतमाल के मिलिंद तेलतुम्बडे उर्फ दीपक और यहयाद्री, असम के
प्रकाश गोस्वामी उर्फ नवीन और रितुपन गोस्वामी, कोलकाता के किशन बोस उर्फ
प्रशांतो, मुपल्ला लक्ष्मण राव, उर्फ गणपति, चंद्रशेखर, मंगलू और दीपू।
एनआईए
ने कहा कि सभी आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन भाकपा (माओवादी) और उसके
प्रमुख संगठनों के सक्रिय सदस्य हैं, जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने
2009 में गैरकानूनी घोषित किया था।
एनआईए द्वारा सूचीबद्ध फ्रंटल
संगठन हैं: कबीर कला मंच (जिसने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एल्गार परिषद
का आयोजन किया, जिसका कथित परिणाम 1 जनवरी, 2018 को कोरेगांव-भीमा में हुए
जातीय दंगे थे), अनुराधा गांधी स्मारक समिति, सताए हुए कैदियों के लिए
एकजुटता समिति, लोकतांत्रिक अधिकारों के संरक्षण के लिए समिति, लोकतांत्रिक
अधिकारों के लिए पीपुल्स यूनियन, लोकतांत्रिक अधिकार संगठन का समन्वय,
लोकतांत्रिक छात्र संघ, विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन, और क्रांतिकारी
लेखक संघ।
--आईएएनएस
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