मुंबई। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बीच खींचतान बढ़ती ही जा रही है। इसका मुख्य कारण भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने के मामला बताया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने एनपीआर भी एक मई से लागू करने के निर्णय से भी नाराज बताया जा रहा है। इसी बीच एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने उद्धव सरकार के निर्णय पर नाखुशी जाहिर करते हुए आज पार्टी के सभी 16 मंत्रियों की बैठक बुलाई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एनसीपी चीफ शरद पवार ने कोल्हापुर में एक रैली के दौरान मोदी सरकार पर जांच को राज्य से वापस अपने हाथ में लेने का आरोप लगाया था। शरद पवार का कहना था कि भीमा कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र सरकार कुछ एक्शन लेने वाली थी, इसलिए केंद्र ने एल्गार परिषद के मामले को अपने हाथ में ले लिया। कानून व्यवस्था पूरी तरह से राज्य के हाथ में होनी चाहिए, लेकिन हैरानी वाली बात है कि राज्य सरकार ने केंद्र के इस निर्णय का पुरजोर विरोध नहीं किया। एल्गार परिषद केस की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भीमा कोरेगांव मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भेजने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धन्यवाद देता हूं। शरद पवार इसका विरोध कर रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि एनआईए की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।
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