नेहल अंसारी ने बताया कि सुषमा जी ने अपनी कोशिशों के दौरान मेरे
बेटे के बारे में पाकिस्तानी अधिकारियों को 96 अधिकारिक पत्र लिखे।
उन्होंने हमेशा हमारी सभी अपील का सकारात्मक जवाब दिया और आखिरकार मेरे
बेटे को उनके हस्तक्षेप के बाद मुक्त कर दिया गया।
अंसारी परिवार ने
उन अंधकार भरे दिनों के दौरान सुषमा स्वराज से नई दिल्ली में उनके
कार्यालय में लगभग एक दर्जन बार मुलाकात की। वे उस समय हामिद को रिहा करने
के लिए पाकिस्तान सरकार से संघर्ष कर रहे थे।
अंसारी ने बताया कि वह
एक अद्भुत महिला थी। हालांकि वह इतने ऊंचे ओहदे पर थीं, लेकिन उनमें इसका
कोई अहम नहीं था। वह बहुत विनम्र और व्यावहारिक थीं। हम आम लोग हैं, मगर वह
हमेशा हमें सहज महसूस कराती थीं।
उन्होंने कहा कि जब भी परिवार ने उनसे मिलने की मांग की, सुषमा स्वराज उनके लिए हमेशा उपलब्ध रहीं।
अंसारी
ने कहा कि पिछले साल हामिद की रिहाई के बाद उन्होंने हमें फिर से अपने
कार्यालय में बुलाया। उन्होंने हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया और बधाई दी।
हामिद को गले लगाया और उसे जीवन में बेहतर काम करने की कामना की। सुषमा जी
ने भी हामिद से कहा कि भविष्य में किसी भी मदद के लिए उनके दरवाजे उसके लिए
हमेशा खुले हैं।
जाधव
के पड़ोसियों में से एक पी. एस. मेनन ने कहा कि विदेशी धरती पर संकट में
फंसे लोग हमेशा मदद के लिए सुषमा स्वराज की ओर देखते थे। उन्होंने लोगों
द्वारा भेजे गए ट्विटर संदेशों पर भी संज्ञान लिया। ऐसा कुछ हमने पहले कभी
नहीं देखा था।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने बुधवार सुबह नरीमन
प्वाइंट स्थित पार्टी मुख्यालय में सुषमा स्वराज की तस्वीर लगाई। इस दौरान
कार्यकतार्ओं और आम जनता ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
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