इस ट्वीट के बाद एक राजनीतिक हंगामा शुरू हो गया, जिसके बाद राज्य सरकार ने
चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की। अपने तरह के एक अनूठे घटनाक्रम के तहत
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार देर
शाम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को व्यक्तिगत रूप से लिखा और चौधरी के लिए
कड़ी सजा की मांग की, जिन्होंने अपनी टिप्पणी से राष्ट्रपिता का अपमान
किया और महात्मा के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित किया।
चौधरी के
ट्वीट को 31 मई को डिलीट कर दिया गया था। निधि ने ट्वीट कर लिखा, मैंने
गांधीजी से जुड़े 17.05.2019 के अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है, क्योंकि
कुछ लोगों ने इसे गलत समझा। यदि केवल उन्होंने 2011 के बाद से मेरी
टाइमलाइन को देखा होता, तो वे समझ जाते कि मैं सपने में भी गांधीजी का
अपमान नहीं करना चाहूंगी। मैं उनका सम्मान करती हूं और आखिरी सांस तक ऐसा
करूंगी।
(IANS)
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