मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने आज भीमा कोरेगांव केस केंद्र सरकार को नहीं सौंपने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस सम्बंध में जानकारी देते हुए कहा है कि भीमा कोरेगांव केस केंद्र सरकार को नहीं सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि एलगार परिषद मामला और भीमा कोरेगांव मामला 2 अलग-अलग मामले हैं। भीमा कोरेगांव मामला मेरे दलित लोगों से संबंधित है और मामले से संबंधित जांच अभी तक केंद्र को नहीं दी गई है और इसे केंद्र को नहीं सौंपा जाएगा। केंद्र ने एलगार परिषद मामले को अपने हाथ में लिया है। शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के सीएए पर दिए बयान पर कहा है कि वह उनका व्यक्तिगत विचार है और हमने तो सीएए के विरोध में वोट दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सीएम उद्धव ठाकरे ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर तीनों अलग-अलग हैं। किसी को सीएए को लेकर डरने की आवश्यकता नहीं है। रहा सवाल एनआरसी का तो हम इसे महाराष्ट्र में लागू नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि अगर एनआरसी लागू किया जाता है तो यह न केवल हिंदू या मुस्लिम बल्कि आदिवासियों को भी प्रभावित करेगा। केंद्र ने एनआरसी पर अभी चर्चा नहीं की है। एनपीआर एक जनगणना है, और मुझे नहीं लगता कि कोई भी प्रभावित होगा, क्योंकि यह हर 10 साल में होता है।
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