मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को दावा किया कि पिछले छह महीनों में राज्य सरकार के प्रदर्शन ने विपक्षी दलों को परेशान कर दिया है, जिसके कारण उन्हें रैली निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा, जो पर्याप्त समर्थन जुटाने में विफल रही। शिंदे ने शनिवार को निकाले गए महा विकास अघाड़ी के नेतृत्व वाले मेगा जुलूस पर निशाना साधते हुए कहा- इतनी बड़ी तैयारियां करने, इतनी बैठकें करने के बावजूद क्या नतीजा निकला? हम सभी ने आज यह देखा है..सभी दलों, उनके नेताओं और अलग-अलग झंडे के रंगों ने कोई प्रभाव नहीं डाला। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के 'हल्ला-बोल' मार्च को 'सुपरफ्लॉप' कहकर मजाक बनाया, उन्होंने कहा कि, यह मार्च केवल अपने नेताओं के स्वार्थी राजनीतिक कारणों से निकाला गया और ड्रोन की तस्वीरें उनके दावों को साबित करने के लिए कहां हैं?
फडणवीस ने कहा, यह मार्च डर के कारण था..वह अब सरकार से बाहर हैं। हमने उनकी नाक के नीचे से सत्ता छीनी और हम बहुत अच्छा कर रहे हैं। यह मार्च 2024 के संसदीय और विधानसभा चुनाव में हार की आशंका को लेकर था।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि शिंदे-फडणवीस की सरकार विकास के एजेंडे को लेकर 'बुलेट ट्रेन' की तरह आगे बढ़ रही है। बावनकुले ने भविष्यवाणी की, विपक्ष की यह कार्रवाई भविष्य को लेकर हताशा से बाहर है जब वह बहुत बुरी तरह से चुनाव हारेंगे।
इस बीच, राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष आरिफ नसीम खान ने पलटवार करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ बीएसएस-बीजेपी 3 लाख से ज्यादा लोगों की भारी भीड़ से पूरी तरह हिल गई है, उन्होंने कहा कि, दोपहर बाद रैली समाप्त होने के बाद भी लोग जुलूस में शामिल हो रहे थे।
फडणवीस ने दोहराया कि बीएसएस-बीजेपी गठबंधन न केवल अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए शासन करेगा, बल्कि अगले चुनावों में भी जीत हासिल करेगा और राज्य की तेज प्रगति और विकास के लिए काम करना जारी रखेगा।
इसके साथ ही, संजय राउत और सुषमा अंधारे जैसे शिवसेना (यूबीटी) नेताओं द्वारा महाराष्ट्र के संतों और महापुरुषों को बदनाम करने के विरोध में भाजपा ने मुंबई के विभिन्न हिस्सों में 'माफी-मांगो' आंदोलन किया।
--आईएएनएस
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