मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना गठबंधन विधानसभा चुनाव में 240 सीट प्राप्त करने के अपने दावे से दूर रह गई और गुरुवार को अबतक प्राप्त रुझानों से विपक्षी पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन को करीब 160 सीटों के पास रोकने में कामयाब दिख रही है। यहां 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन 100 सीटों के आंकड़े को छूती नजर आ रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बाकी बची सीटों पर निर्दलीय और छोटी पार्टियों ने कब्जा जमाया है, जिसका आने वाली राजनीति में एक बड़ा प्रभाव होने की उम्मीद है।
राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि लोगों ने दल-बदलुओं को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अच्छे नतीजे के लिए पूरा श्रेय राकांपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिया। ये नतीजे तीन दिन पहले किए गए एक्जिट पोल के अनुमान से भिन्न हैं।
भाजपा के कई दिग्गज नेता जैसे पर्ली(बीड) सीट से ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे और सतारा लोकसभा उपचुनाव के उम्मीदवार उदयनराजे भोसले को हार का मुंह देखना पड़ा।
मुंडे और भोसले को क्रमश: राकांपा के धनंजय मुंडे और श्रीनिवास दादासाहेब पाटिल से हार मिली। मुंडे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रचार भी किया था।
शिवसेना की तरफ से हारने वाले प्रमुख नेताओं में बांद्रा पूर्व से मुंबई के मेयर विश्वनाथ महादेश्वर रहे। वहीं हाई-प्रोफाइल 'एनकाउंटर कॉप' प्रदीप एच. शर्मा को नाला सोपारा(पालघर) में बहुजन विकास अगाड़ी के क्षितिज एच. ठाकुर से हार का सामना करना पड़ा है।
सेना के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिए हैं कि पूर्ण नतीजे आने के बाद नए उपलब्ध राजनीतिक विकल्प के बीच पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ 'गठबंधन के बारे में समीक्षा' कर सकते हैं।
इन रुझानों के बाद, निर्दलीय और छोटी पार्टियों का महत्व बढ़ गया है। ये लोग सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों को धूल चटाते नजर आ रहे हैं।
--आईएएनएस
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