मुंबई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम में आई तेजी से भारतीय चीनी मिलों को फायदा मिला है, क्योंकि देश से चीनी की निर्यात मांग बढ़ी है और अब तक 28 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हो चुके हैं। चीनी की निर्यात मांग बढऩे से घरेलू बाजार में भी चीनी की कीमतों में तेजी आई है। नए साल में चीनी के दाम में करीब 100 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आई है।
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उद्योग संगठन नेशनल फेडरेशन को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) का अनुमान है कि इस साल चीनी निर्यात का लक्ष्य 60 लाख टन पूरा हो जाएगा। एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में तेजी आने से निर्यात मांग बढ़ी है, जिसे देखते हुए लगता है कि इस साल सरकार द्वारा तय चीनी निर्यात का कोटा 60 लाख टन पूरा हो जाएगा। केंद्र सरकार ने चालू सीजन 2019-20 में अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्यू) के तहत घरेलू चीनी मिलों के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा तय किया है।
पिछले साल 2018-19 में सरकार ने न्यूनतम सांकेतिक निर्यात कोटा (एमआईईक्यू) के तहत 50 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा निर्धारित किया था, जिसमें से 38 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था। नाइकनवरे ने कहा कि एक अक्टूबर से शुरू हुए चालू शुगर सीजन यानी चीनी उत्पादन व विपणन वर्ष 2019-20 (अक्टूबर) के अभी चार महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन 28 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हो चुके हैं और वैश्विक स्तर पर चीनी की आपूर्ति मांग के मुकाबले कम होने से आगे कीमतों में तेजी बनी रहेगी, जिससे घरेलू मिलों को चीनी निर्यात से फायदा मिलेगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्ची चीनी के दाम में बीते तकरीबन तीन महीनों में 18 फीसदी की तेजी आई और सफेद चीनी के दाम में नौ फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है, जिससे भारतीय चीनी मिलों को निर्यात में फायदा मिलने लगा है।
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