मुंबई । शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने 'बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी' पर सवाल उठाने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि बालासाहेब ठाकरे द्वारा शुरू की गई 56 वर्षीय शिवसेना - अब उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में - हिंदुत्व के मुद्दे पर अब चुनाव आयोग को अपनी साख साबित करने के लिए मजबूर किया गया है। उन्होंने इसे महाराष्ट्र के लोगों के लिए चौंकाने वाला करार दिया।
राउत की टिप्पणी चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट से आठ अगस्त तक पार्टी पर अपना दावा साबित करने के लिए प्रासंगिक दस्तावेज जमा करने के लिए कहने की पृष्ठभूमि के खिलाफ आई है।
चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत चुनाव आयोग ने दोनों दावेदारों को लिखित बयान देने, समर्थन पत्र, संगठनात्मक विंग और पार्टी के अन्य विवरण सहित विभिन्न दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पहले चुनाव आयोग का रुख किया था, जिसमें पार्टी, उसके लोगो और उसके चुनाव चिन्ह पर किए गए किसी भी दावे पर निर्णय लेने से पहले सुनवाई की मांग की गई थी।
--आईएएनएस
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