मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि भगवा झंडा फहराना और नारे लगाना इस कानून के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता। यह बात न्यायाधीश ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत देते हुए कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति आईए महंती और न्यायमूर्ति एएम बदर की खंडपीठ ने हाल ही में कल्याण पुलिस थाने में दर्ज मामले में राहुल शशिकांत महाजन को अग्रिम जमानत दे दी।
महाजन के मुताबिक, तीन जनवरी 2018 को दर्ज प्राथमिकी में अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कोई अपराध परिलक्षित नहीं होता। प्राथमिकी में उनके द्वारा जिस अपराध का जिक्र किया गया है उसमें सिर्फ नारे लगाना और भगवा झंडा फहराना है।
अब्बास अंसारी पिता के जनाजे में शायद ही हो सकेंगे शामिल, लोगों ने कहा - जब राम रहीम को पैरोल तो...
तेजस्वी ने पप्पू यादव का नाम लिए बिना कहा- राजद का गठबन्धन कांग्रेस से, किसी व्यक्ति से नहीं
एके एंटनी के बेटे के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगी ओमन चांडी की बेटी
Daily Horoscope