मुंबई। इलेक्ट्रॉकनिक
वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए
बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय निर्वाचन आयोग, महाराष्ट्र राज्य
निर्वाचन आयोग और ईवीएम बनाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के दो उपक्रमों व
अन्य को नोटिस जारी किया है।
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अदालत में यह जनहित याचिका एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता द्वारा दाखिल की गई है।
आरटीआई
कार्यकर्ता मनोरंजन एस. रॉय द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति एस.
एस. केमकर और न्यायमूर्ति एस. वी. कोटवल ने निर्वाचन आयोग के अलावा,
केंद्रीय गृह मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और महाराष्ट्र सरकार को
भी नोटिस भेजा है। अदालत ने ईवीएम विनिर्माता कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स
कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को भी
नोटिस भेजपा गया है। रॉय के वकील पी. पवार के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद हो सकती है।
याचिकाकर्ता
ने निर्वाचन आयोग और विभिन्न राज्यों के निर्वाचन आयोगों द्वारा दिए गए
ईवीएम और वोटर वेरीफायड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के ऑर्डर और दोनों
कंपनियों द्वारा की गई आपूर्ति के आंकड़ों में भारी गड़बड़ी को उजागर किया
है।
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