मुम्बई । कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार रात को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफा दे दिया है। आपको बताते जाए कि कांग्रेस की कार्य प्रणाली से नाराज चल रही थीं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शुक्रवार सुबह ही उन्होंने अपनी ट्विटर प्रोफाइल से ‘कांग्रेस प्रवक्ता’ हटा दिया और इससे पहले उन्होंने अपनी प्रोफाइल में ‘राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस’ जोड़ा हुआ था, जो शुक्रवार को नहीं है। शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना की सदस्यता ग्रहण करेंगीं।
प्रियंका ने 17 अप्रेल को ट्वीट करते हुए अपनी पार्टी कांग्रेस के प्रति नाराजगी व्यक्त की थी। तब से उनका कोई बयान सामने नहीं आया है ना ही वह किसी टीवी डिबेट्स में पार्टी का पक्ष रखती हुई नजर आई हैं।
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि
पार्टी में उन गुंडों को तवज्जो दी जा रही है, जो महिलाओं के साथ बदसलूकी
करते हैं।जो लोग मेहनत कर अपनी जगह
बना रहे हैं, उनके बदले ऐसे लोगों को तवज्जो मिल रही हैं। पार्टी के लिए
मैंने गालियां और पत्थर खाए हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी में रहने वाले
नेताओं ने ही मुझे धमकियां दी जा रही हैं।
चतुर्वेदी ने लिखा
कि जो लोग धमकियां दे रहे थे, वे बचा लिए गए हैं। इनका बिना किसी कड़ी
कार्रवाई के बच जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
चिट्ठी में बताया गया था कि उत्तर प्रदेश
के मथुरा में जब प्रियंका चतुर्वेदी पार्टी की तरफ से राफेल विमान सौदे पर
प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आई थीं, तब स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके साथ
बदसलूकी की थी। इसके बाद सभी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई । लेकिन
सभी कार्यकर्ताओं की ओर से खेद जताने के बाद इनको पदों पर बहाल कर दिया गया। पत्र के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया की सिफारिश के बाद इन
कार्यकर्ताओं को बहाल किया गया था।
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