मुंबई। कांग्रेस ने प्रस्तावित मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे में हजारों करोड
रूपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि इसे राज्य के
मुख्यमंत्री द्वारा अंजाम दिया गया है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम
ने कहा कि राज्य के पूर्वी तथा पश्चिमी हिस्से को जोडने वाले एक्सप्रेस-वे
महाराष्ट्र समृद्धि कॉरिडोर (एमएससी) के निर्माण के लिए रिक्वेेस्ट फॉर
क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) में कथित तौर पर अंतिम क्षणों में बदलाव किया।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मार्च 2017 में जब आरएफक्यू को पेश किया
गया था, उस वक्त लगभग 40 कंपनियां/कंसोर्टियम आई थीं और इस मेगा-प्रोजेक्ट
के लिए अपनी बोलियां सौंपी थीं। निरूपम ने दावा किया, बोली प्रक्रिया बंद
होने से मात्र 24 घंटे पहले सीधे फडणवीस ने इसकी शर्तो में बदलाव किया,
जिसकी मंशा 35 कंपनियों को बोली प्रक्रिया में भाग लेने से बाहर करने की
थी।
अंतिम दौर में केवल पांच कंपनियां ही बचीं।
उन्होंने आरोप लगाया, इन पांचों कंपनियों का पक्ष लिया गया, जिन्हें कुल
46,000 करोड रूपये में से लगभग 27,000 करोड रूपये का ठेका दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनियों के संघ तथा प्रतिनिधि निकायों ने इस
संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय तक से शिकायत की है। निरूपम ने कहा,यह बडा
घोटाला है और आप इसपर ध्यान दें कि यह मुख्यमंत्री के स्तर पर हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक्सप्रेस वे को किसानों के भारी
प्रतिरोध का सामना करना पड रहा है, जिनकी 20 हजार हेक्टेयर जमीन का
अधिग्रहण किया गया है। कुछ महीने पहले, परियोजना की नोडल एजेंसी महाराष्ट्र
राज्य सडक विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने परियोजना के लिए आरएफक्यू आमंत्रित
किया था।
एमएससी परियोजना के लिए निर्माण कार्य की अनुमानित लागत 27,650 करोड रूपये,
बाकी भूअधिग्रहण तथा लैंड पूलिंग के लिए 13,000 करो़ड रूपये, नोड्स के
विकास के लिए 2,500 करोड रूपये तथा सामानों को ढोने के लिए 500 करोड रूपये
बताई गई थी।
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