सीबीएफसी द्वारा आगे बढऩे के बावजूद, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने
शनिवार को फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध की मांग की और कहा कि जो भी थिएटर
फिल्म को दिखाएंगे, उनमें तोडफ़ोड़ किया जाएगा। इससे पहले 30 नवंबर को
भंसाली एक संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए थे और उन्होंने कहा था, फिल्म पर
सभी विवाद अफवाहों पर आधारित हैं। मैंने गलत तथ्य नहीं दिए हैं। यह फिल्म
मलिक मोहम्मद जायसी के काव्य पर आधारित है। उन्होंने 16 वीं शताब्दी के
भारतीय सूफी कवि के महाकाव्य पद्मावत का उल्लेख किया था। ये भी पढ़ें - इस लडकी का हर कोई हुआ दीवाना, जानें...
बोर्ड ने
कहा कि एक बार आवश्यक संशोधन किए जाने और अंतिम सामग्री जमा करने के बाद
प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। सीबीएफसी के सुझावों की हालांकि मेवाड़
राजवंश ने कड़ी निंदा की है। मेवाड़ राजवंश के 76वें महाराणा और पूर्व
लोकसभा सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे महाराजकुमार विश्वराज सिंह ने
कहा है कि वह गुरुवार को समिति का हिस्सा होना चाहते थे, जो अंत में नहीं
हो सका और यह निर्णय सेंसर बोर्ड द्वारा उनकी सहमति के बिना ही ले लिया
गया।
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