मुंबई। हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को भाजपा और आरएसएस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, दोनों मिलकर देश में दुष्प्रचार कर रहे हैं। वक्फ प्रॉपर्टी एक प्राइवेट प्रॉपर्टी है। लेकिन, भाजपा इसे देश में ऐसे बता रही है कि यह सरकारी प्रॉपर्टी है। मैं बता देना चाहता हूं कि यह प्राइवेट प्रॉपर्टी है।
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उन्होंने कहा, दूसरी अफवाह यह फैलाई जा रही है कि वक्फ बोर्ड के पास 9,40,000 एकड़ जमीन है। यह झूठ फैलाया जा रहा है आर्मी, रेलवे के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा जमीन है।
ओवैसी ने कहा, जैसे हिंदू धर्म में संपत्ति दान की जाती है, वैसे ही मुस्लिम धर्म में भी ये दान की गई संपत्तियां हैं। अब इसमें सरकार दखल क्यों कर रही है। यह आर्टिकल 26 का उल्लंघन है।
ओवैसी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ बोर्ड को बचाने के लिए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल नहीं लाई है। यह बिल इसलिए लाया गया है, ताकि हमेशा के लिए वक्फ बोर्ड को खत्म कर दिया जाए।
बता दें कि कुछ महीने पहले ही केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल संसद में लाई थी। लेकिन, सदन में इस बिल को लेकर विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया था। विपक्षी सांसदों के हंगामे के बाद इस बिल को अधिक चर्चा करने के लिए जेपीसी में भेज दिया गया। साथ ही इस बिल पर लोगों की राय लेने के लिए सुझाव भी मांगे गए। इस बिल को लेकर तमाम मुस्लिम संगठनों ने विरोध जताया है। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि इस बिल को लाने की जरूरत नहीं थी। सरकार वक्फ को खत्म करने के लिए बिल लाई है।
ओवैसी ने कलेक्टर वाले मसले पर कहा कि सरकार जो बिल लेकर आई है, उसमें लिखा है कि वक्फ बोर्ड की प्रापर्टी सरकार के नियंत्रण में होगी। जिस पर फैसला जिला कलेक्टर लेगा, जबकि, वह खुद सरकार का हिस्सा है। वक्फ के मामले में कलेक्टर जज कैसे हो सकते हैं।
--आईएएनएस
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