मुंबई। केंद्रीय वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि नोटबंदी के बाद देश के तमाम हिस्सों में माओवादियों और जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों को पैसों की किल्लत को मजबूर हो गए है। साथ ही जेटली ने दावा किया कि नोटबंदी के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी में हिस्सा लेने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या में भी कमी आई है। जेटली ने कहा, नोटबंदी से पहले कश्मीर की सडक़ों पर हजारों की संख्या में पत्थरबाज इकट्ठे होते थे लेकिन अब ऐसे प्रदर्शनों में 25 पत्थरबाज भी शामिल नहीं होते। उन्होंने कहा नोटबंदी के बाद जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में माओवादियों को पैसे की किल्लत हो गई है।
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पहले जो धन अर्थव्यवस्था के बाहर समानांतर ढंग से चल रहा था, वह औपचारिक बैंकिग सिस्टम में आ गया। न्यू इंडिया के बीजेपी के स्वप्न पर उन्होंने कहा, हम रक्षा, ग्रामीण विकास और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करना चाहते हैं। हमारे पास विश्वस्तरीय सार्वजनिक संस्थान होने चाहिए ताकि गोरखपुर त्रासदी जैसी शर्मनाक घटनाएं न हों। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार 7-7.5 प्रतिशत के विकास दर से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि विकास दर को रफ्तार देने के लिए सरकार देश हित में सख्त फैसले लेती रहेगी, जैसा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद अब तक लिया गया है।
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