नर्मदा जयन्ती - मंगलवार, 4 फरवरी 2025
सप्तमी तिथि प्रारम्भ - 4 फरवरी 2025 को 04:37 बजे ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सप्तमी तिथि समाप्त - 5 फरवरी 2025 को 02:30 बजे
मुंबई। धर्मधारणा के अनुसार, माघ माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी के अवसर पर नर्मदा जयंती का पर्व मनाया जाता है. नर्मदा देश की प्रमुख पवित्र नदियों में से एक है, जिसकी प्रसिद्धि का वर्णन अनेक धर्मग्रंथों में अंकित है। नर्मदा नदी को विविध कलाओं का प्रतिनिधित्व करनेवाला- सामवेद कहा जाता है, इसलिए बॉलीवुड में, कला के क्षेत्र में कामयाबी के लिए नर्मदा देवी की पूजा, पवित्र स्नान और नर्मदा जल का उपयोग करें।
नर्मदा की उत्पत्ति की कई धर्मकथाएं हैं, जिनके अनुसार माता नर्मदा धरती पर देवों के देव महादेव का जलस्वरूप आशीर्वाद हैं, जो जन कल्याणार्थ है। नर्मदा अमरकंटक से प्रकट होकर अरब सागर में मिलती है। धर्मधारणाओं के अनुसार माता नर्मदा के दर्शन मात्र से जीवन में पवित्रता प्राप्त होती है। इसके दोनों किनारों पर लाखों ज्ञात-अज्ञात तीर्थ हैं, जिनके दर्शन से जीवन धन्य हो जाता है। इसीलिए माता नर्मदा की परिक्रमा की जाती है। सफल तपस्या के लिए माता नर्मदा का आशीर्वाद सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक- ओंकारेश्वर माता नर्मदा के तट पर स्थित है। नर्मदा जयंती माता की आराधना का विशेष अवसर है, इसका धर्मलाभ भाग्यवानों को ही प्राप्त होता है। ओंकारेश्वर.... विध्य के दुख निवारण हेतु भगवान आशुतोष यहां आए थे, मालवा क्षेत्र में नर्मदा नदी की धाराओं के मध्य स्थित मान्धाता पर्वत पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव अपने साकार रूप में आज भी भक्तों को आह्लाद प्रसाद बांटते हैं।
कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय।
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे ।।
भावार्थ- जो भोलेनाथ कावेरी-नर्मदा के पवित्र संगम में स्थित मान्धता नगरी में सदा निवास करते हैं, उन्हीं अद्वितीय ओंकारेश्वर नाम से विख्यात भोलेनाथ की मैं स्तुति करता हूं।
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर
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