तुलसी विवाह - बुधवार, 13 नवम्बर 2024 ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
द्वादशी तिथि प्रारम्भ - 12 नवम्बर 2024 को 04:04 पीएम बजे
द्वादशी तिथि समाप्त - 13 नवम्बर 2024 को 01:01 पीएम बजे
- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी-
मुंबई। देवोत्थान एकादशी के अवसर पर मनाया जाने वाला तुलसी विवाह उत्सव मांगलिक और आध्यात्मिक महत्व का है। देव जब जागते हैं, तो सबसे पहली प्रार्थना हरिवल्लभा तुलसी की ही सुनते हैं। तुलसी विवाह उत्सव को देव जागरण के अवसर पर देव स्वागत का आयोजन समझा जाता है।
इसलिए तुलसी विवाह का भावार्थ है... तुलसी के माध्यम से भगवान श्रीविष्णु का आवाह्न। कई क्षेत्रों में श्रद्धालु एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक तुलसी पूजन उत्सव मनाते हैं। यह विवाह उत्सव ठीक वैसा ही होता है, जैसे स्थानीय रीति-रिवाज से आमतौर पर वर-वधु का शुभ विवाह होता है।
श्रद्धालु की श्रद्धा-भक्ति-शक्ति के अनुसार...मंडप, वर पूजा, कन्यादान, हवन, प्रीतिभोज आदि होते हैं। इस शुभ विवाह में शालिग्राम वर और तुलसी वधु होती है। इस अवसर पर तुलसी को लाल चुनरी ओढ़ाई जाती है और सोलह श्रृंगार के सामान चढ़ावे के लिए रखे जाते हैं। वर शालिग्राम को दोनों हाथों में लेकर श्रद्धालु शुभ विवाह करते हैं।
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