मुंबई। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भारतीय सम्राट विक्रमादित्य के समय विक्रम संवत- नया साल शुरू हुआ था, जिस दिन से ये तिथि शुरू होती है, उस दिन का अधिपति नववर्ष, मतलब.... नव संवत्सर का राजा कहलाता है।
विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुआत 57 ईसा पूर्व की थी, इस दिन से चैत्र नवरात्रि भी शुरू होती है।
हिंदू नववर्ष 30 मार्च 2025 से शुरू होगा, इसी दिन से विक्रम संवत 2082 और चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी होगी, क्योंकि हिंदू नववर्ष रविवार के दिन से शुरू हो रहा है, ऐसे में वर्ष के राजा सूर्यदेव होंगे।इस दिन को भारत में विभिन्न नामों से पुकारा जाता है, जैसे- गुड़ी पड़वा, चेटी चंड, युगादि, नव संवत्सर आदि। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हर नवसंवत का विशेष नाम और महत्व होता है, संपूर्ण वर्ष के लिए ग्रहों का मंत्रिमंडल भी होता है, जिसके आधार पर संपूर्ण वर्ष के लिए शुभाशुभ फलों का निर्धारण होता है, मतलब.... मौसम, कृषि, बरसात, अर्थव्यवस्था, जनसुख, जनसुरक्षा आदि सभी ग्रहों के मंत्रिमंडल पर निर्भर हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार.... हिंदू नववर्ष के राजा जब सूर्यदेव होते हैं, तो उस साल गर्मी ज्यादा होती है, बाजार में तेजी का रुख होता है, राजनीति में विरोधाभास नजर आता है, तो.... व्यक्तिगत रूप से यह वर्ष उन लोगों के लिए बेहतर साबित होगा जिनकी कुंडली में सूर्य कारक है, उनके लिए सतर्क रहने का समय है, जिनका सूर्य अकारक है, शेष लोगों पर गोचर के सापेक्ष प्रभाव होगा।
सूर्यवर्ष में उत्तम फल प्राप्त करने के लिए नियमितरूप से सूर्योपासना करें!
सूर्योपासना से प्राप्त होती है... जीवन शक्तिः
पंचदेवों में से प्रत्यक्ष देव सूर्य की पूजा-अर्चना से जीवन शक्ति प्राप्त होती है, जीवन ऊर्जावान बनता है क्योंकि शेष सारे ग्रह सूर्यदेव से ही ऊर्जा प्राप्त करते हैं। विभिन्न राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से प्रसिद्धि/प्रतिष्ठा प्राप्त होने के साथ साथ विविध लाभ भी होते हैं।
मेष राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से संतान सुख और ज्ञान सुख प्राप्त होता है।
वृष राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से घर/वाहन आदि भौतिक सुख प्राप्त होते हैं।
मिथुन राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से पदोन्नति/पराक्रम की प्राप्ति होती है।
कर्क राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से धन संचय का लाभ मिलता है।
सिंह राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से संपूर्ण सुख की प्राप्ति होती है।
कन्या राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से विदेश जाने के और वहां प्रसिद्धि प्राप्त करने के अवसर प्राप्त होते हैं तथा व्यय नियंत्रण का लाभ मिलता है।
तुला राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से धनलाभ होता है।
वृश्चिक राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से उत्तम रोजगार के अवसर मिलते हैं, कर्मक्षेत्र में सम्मान मिलता है।
धनु राशि/लग्न वालों का सूर्योपासना से भाग्योदय होता है तथा धर्मलाभ मिलता है।
मकर राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से सर्वकष्टों से मुक्ति मिलती है।
कुंभ राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से पारिवारिक सुख-शांति प्राप्त होती है।
मीन राशि/लग्न वालों को सूर्योपासना से ऋण, रोग और शत्रु से मुक्ति मिलती है।
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर
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