द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी - 16 फरवरी 2025, रविवार
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चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 15 फरवरी 2025 को 23:52 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त - 17 फरवरी 2025 को 02:15 बजे
मुंबई। भगवान श्रीगणेश का आशीर्वाद, कष्ट को नष्ट करता है और इसीलिए सर्वकष्ट नष्ट करने के लिए अष्टविनायक यात्रा की जाती है। इन स्वनिर्मित अष्टविनायक का धार्मिक विशेष महत्व है श्रीगणेशभक्त जीवन में जब भी अवसर मिलता है अष्टविनायक यात्रा अवश्य करते हैं।
महाराष्ट्र के इन आठ पवित्र मंदिरों की एक हजार किमी यात्रा पूरा करने के बाद ही भगवान श्रीगणेश के आठ दिव्य स्वरूपों के दर्शन होते हैं जिसे पूरा करने में करीब तीन दिन का समय लगता है।
अष्टविनायक यात्रा मोरगांव से शुरू होती है और वहीं आकर संपूर्ण होती है।
अष्टविनायक यात्रा के दौरान बीच में घर नहीं जाते हैं तथा पवित्र मूर्तियों के प्राकट्य के क्रम के सापेक्ष ही अष्टविनायक की यात्रा होती है।
इस यात्रा के अष्टविनायक मंदिर है- श्री मयूरेश्वर मंदिर, मोरगांव, सिद्धिविनायक मंदिर, सिद्धटेक, श्री बल्लालेश्वर मंदिर, पाली, श्री वरदविनायक, महाड़, चिंतामणि, थेयुर, श्री गिरजात्मजा, लेनयादरी, विघ्नेश्वर गणपति मंदिर, ओजर और महागणपति मंदिर, रांजणगांव. जो श्रद्धालु संकष्टी चतुर्थी का व्रत करते हैं उन्हें अवसर मिलने पर अष्टविनायक यात्रा करनी चाहिए!
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर
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