- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी - ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मार्गशीर्ष पूर्णिमा रविवार, 15 दिसम्बर 2024 पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - 17:40, पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - 14 दिसम्बर 2024 को 16:58 बजे, पूर्णिमा तिथि समाप्त - 15 दिसम्बर 15, 2024 को 14:31 बजे
मुंबई। हर माह की पूर्णिमा के अवसर पर कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता हैं। पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। कहा जाता है कि कोई भी शुभ कार्य श्रीगणेश पूजा से प्रारंभ करना चाहिए तथा कार्य सम्पन्न हो जाने पर सत्यनारायण देव की पूजा करनी चाहिए।
सत्यनारायण देव और चन्द्र देव की पूजा के लिए पूर्णिमा सर्वश्रेष्ठ अवसर माना जाता है।
वैसे भी इस दिन का भारतीय जनजीवन में विशेष धार्मिक-सामाजिक महत्व है... मार्गशीर्ष की पूर्णिमा के दिन दत्तात्रेय जयंती होती है, पौष की पूर्णिमा पर शाकंभरी जयंती मनाई जाती है, माघ की पूर्णिमा के दिन भैरव जयंती मनाई जाती है, फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन होली का पर्व मनाया जाता है, चैत्र माह की पूर्णिमा, हनुमान जयन्ती होती है।
वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा होती है, ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन वट सावित्री व्रत होता है, आषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा होती है, इस दिन गुरु पूजा होती है, श्रावण की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है, भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन उमा महेश्वर व्रत होता है, अश्विन की पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है, कार्तिक की पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाते हैं।
जिस व्यक्ति को पूर्णिमा के दिन मानसिक तनाव होता है या परेशानी होती है तो उस व्यक्ति को शिव पूजा करनी चाहिए और चन्द्र की वस्तुओं का दान करना चाहिए, चन्द्र के अशुभ प्रभाव को समाप्त करने के लिए माता की सेवा करें, माता का आशीर्वाद प्राप्त करें, माता की दुआएं शुभ फल प्रदान करती हैं।
शनिवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति उत्तम न्यायाधीश, अच्छे अधिकारी और कर्मचारी होते हैं!
कालाष्टमी विशेषः कांपता है काल जिनसे... वो हैं काल भैरव!
जीवन में खुशियों के लिए बाल स्वरूप श्रीकृष्ण की पूजा करें!
Daily Horoscope