पापमोचिनी एकादशी - मंगलवार, 25 मार्च 2025
पारण का समय - 13:51 से 16:19, 26 मार्च 2025 ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पारण के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 09:14
एकादशी तिथि प्रारम्भ - 25 मार्च 2025 को 05:05 बजे
एकादशी तिथि समाप्त - 26 मार्च 2025 को 03:45 बजे
अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे।
श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे।।
मुंबई। जीवन में सफलता और सुख-शांति पाने के लिए नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। शास्त्रों में एकादशी व्रत को जीवन में सुख-समृद्धि लाने का एक उत्तम मार्ग बताया गया है।
एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र व्रत है। यह व्रत हर महीने में दो बार, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख, शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
एकादशी व्रत रखने के लिए दशमी के दिन एक बार सात्विक भोजन करना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को गंगाजल, तुलसी दल, तिल, फूल और पंचामृत से विधिपूर्वक पूजा करें। पूरे दिन उपवास रखें और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
शाम को भगवान विष्णु की आरती करें और फलाहार ग्रहण करें। इस व्रत को पति-पत्नी दोनों को एक साथ रखना चाहिए।
एकादशी व्रत के लाभः
एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत को रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
एकादशी व्रत रखने से पापों का नाश होता है। यह व्रत मोक्ष प्राप्ति में सहायक होता है। इस व्रत को रखने से मानसिक शांति मिलती है।
एकादशी व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने और जीवन को सुखमय बनाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर
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