साल 2015 में राज्य सरकार ने महाराष्ट्र एनिमल प्रोटेक्शन एक्ट,1995 में बदलाव करते हुए गोवंश से जुडे पशुओं के वध पर रोक लगा दी थी। सजा और जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बीफ बरामद किए जाने पर भी जुर्माने का प्रावधान है। बैन को हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया। कोर्ट ने बैन को तो बनाए रखा, लेकिन बीफ खाने और राज्य के बाहर से इसे खरीदने की इजाजत दे दी थी। यह भी पढ़े : दिन में खेलती चौपड़ और रात में करती दानवों का संहार....
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