शिवपुरी।बीती रात उत्तर प्रदेश पुलिस गैंगस्टर अतीक अहमद को लेकर बूंदी जेल पहुंची। इससे पहले डूंगरपुर में पुलिस वैन खराब होने पर बिछीवाड़ा थाने में कुछ देर के लिए गैैंगस्टर अतीक अहमद और यूपी पुलिस के काफिले को रोका गया था। माफिया अतीक अहमद को हत्या के एक मामले में न्यायालय में पेश करने के लिए साबरमती जेल से प्रयागराज पुलिस प्रयागराज लेकर जा रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिवपुरी में माफिया अतीक अहमद बोला साबरमती जेल में मुझे बहुत परेशान किया जा रहा है। मैंने वहां से कोई फोन नहीं किया, वहां पर जैमर लगे हुए हैं। मैंने जेल से कोई साजिश नहीं रची। 6 साल से मैं जेल में हूं। मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो चुका है।
उमेश पाल हत्याकांड मामले पर माफिया अतीक अहमद ने कहा मेरा परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया...मैं जेल में था, मुझे इसके बारे में क्या पता?
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक से होगी पूछताछ :
उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ के लिए प्रयागराज पुलिस की 37 सदस्यीय टीम गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद को लेकर बुधवार दोपहर प्रयागराज पहुंचेगी। अतीक को लेकर चार वाहनों का काफिला मंगलवार को अहमदाबाद के साबरमती जेल से रवाना हुआ।
अतीक को प्रासंगिक वारंट के तहत प्रयागराज लाने और नैनी सेंट्रल जेल में रखने के बाद पुलिस एक स्थानीय अदालत से उसकी हिरासत के लिए आवेदन कर सकती है।
दो सप्ताह के भीतर यह दूसरी बार है जब अतीक को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है।
इससे पहले प्रयागराज पुलिस की 22 सदस्यीय टीम उसे एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश करने के लिए 27 मार्च को शहर लाई थी।
उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को अदालत ने अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2019 में निर्देश दिया था कि अतीक अहमद को गुजरात की उच्च सुरक्षा वाली साबरमती जेल में शिफ्ट कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि उस पर एक रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और हमले का आरोप लगा है।
अतीक अहमद पर उमेश पाल हत्याकांड समेत 103 आपराधिक मामले चल रहे हैं।
पुलिस ने कहा कि ताजा एफआईआर में अतीक अहमद, उनके बेटे अली अहमद और अतीक के चचेरे भाई असलम मंत्री समेत 10 अन्य लोगों के खिलाफ एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगने, मारपीट करने और एक व्यक्ति को धमकाने का मामला दर्ज किया गया है।
गैंगस्टर से राजनेता बने के खिलाफ दर्ज यह 103वां आपराधिक मामला है।
शिकायतकर्ता साबिर हुसैन ने दावा किया कि हालांकि यह घटना 14 अप्रैल, 2019 को हुई थी, लेकिन अब उन्होंने धूमनगंज पुलिस में मामला दर्ज कराया है।
हुसैन ने कहा कि वह गैंगस्टर और उसके गिरोह के खिलाफ हालिया कार्रवाई के बाद शिकायत दर्ज करने की हिम्मत जुटा सकता है।
हुसैन ने अपनी शिकायत में कहा, यह घटना तब हुई जब मैं कसारी-मसराय इलाके के चकिया में अपनी मां के घर पर था, जहां अली अहमद (अतीक का बेटा) अन्य हथियारबंद लोगों के साथ आया और मुझे बुलाया। जब मैं घर से बाहर आया तो असलम मंत्री ने अतीक को फोन किया और मुझसे बात करने को कहा। जब मैंने इनकार कर दिया, तो अली और असद ने मेरे सिर पर पिस्तौल तान दी और मुझसे एक करोड़ रुपये की फिरौती की व्यवस्था करने को कहा।
उमेश पाल हत्याकांड :
25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्याकांड का चश्मदीद गवाह है।उमेश पाल ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया, तो 28 फरवरी, 2006 को बंदूक की नोक पर उनका अपहरण कर लिया गया।प्राथमिकी 5 जुलाई, 2007 को अहमद, उनके भाई और चार अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई थी।
उमेश पाल की इसी साल 24 फरवरी को उनके प्रयागराज आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर जेल में रहते हुए उमेश पाल को मारने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।फैसला सुनाए जाने के समय अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ और एक अन्य आरोपी अदालत में मौजूद थे।अतीक अहमद के साथ दोषी ठहराए गए दो अन्य लोगों में दिनेश पासी और शौकत हनीफ शामिल हैं। इनको भी आजीवन कारावास की सजा दी गई है।
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