सागर। केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश की राज्य सरकार कितना भी जोर क्यों ना लगा ले, पर उनके विभागीय अधिकारियों की लचरता के कारण लोग आज भी सरकार के आदेशों को लगातार ठेंगा दिखा रहे हैं। मामला है सागर जिले के जनपद पंचायत कार्यालय रहली का, जिसमें जनपद पंचायत में अपने आप को अध्यक्ष प्रतिनिधि बनाकर महिला अध्यक्ष रश्मि कपश्या के पति किस तरीके से सरकार के आदेश को ताक पर रखकर कार्यालय पहुंचते हैं।
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वे अध्यक्ष की सीट को किनारे कर बाजू में ही अपनी एक सीट लगा कर आसीन होते हैं और सरकारी अधिकारियों के सामने फरमान जारी करते हुए देखे जा सकते हैं। ऐंसी कुछ तस्वीरें हैं जो अध्यक्ष पति के द्वारा ही अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर अपलोड की गईं। यह मामला हैरान करने वाला जरूर है, जबकि सरकार लगातार महिलाओं को मुख्य धारा में लाने के लिए और लोगों से सीधे जुड़ने के लिए प्रतिनिधित्व करने का हर जगह मौका दे रही है।
लेकिन, अधिकारी की मिलीभगत कहें या उनके सभी संबंधी अपने आप को उस पद का पदाधिकारी क्यों समझने लगते हैं और बाकायदा उनके कार्यालय पहुंचकर शासकीय कार्य में उनके स्थान पर सम्मिलित कैसे हो जाते हैं? सरकार की माने तो कई आदेश ऐसे निकल चुके हैं जिसमें साफ-साफ निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी के द्वारा इस प्रकार के कार्य किए जाते हैं तो अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
यह घटना केवल सरकारी आदेशों की अवहेलना ही नहीं, बल्कि महिलाओं के प्रति समाज के दृष्टिकोण को भी दर्शाती है। जहां सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत है, वहीं कुछ लोग अभी भी पुराने विचारधारा से ग्रस्त हैं। यह मामला अधिकारियों की मिलीभगत और लचर कार्यप्रणाली को उजागर करता है।
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