राजगढ़। जब दुनिया, देश और मध्य प्रदेश के साथ लगभग हर हिस्से में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा था, तब राजगढ़ जिले में एक आशा कार्यकर्ता दरिंदों के जुल्म का शिकार हो गई। इतना ही नहीं उसके तीन साल के बेटे की भी हत्या कर दी गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भोजपुर थाने के प्रभारी भारत सिंह ठाकुर ने बताया कि राजस्थान के इकहरा की रहने वाली 30 वर्षीय महिला आशा कार्याकर्ता के तौर पर कार्यरत थी, वह अपने तीन साल के बेटे के साथ गुरुवार को राजगढ़ आ रही थी। वह महिला गंभीर हालत में डूंगरी मंदिर के करीब सडक़ किनारे पड़ी मिली। उसका बेटा भी गंभीर हालत में था। बेटे की चिकित्सालय में मौत हो गई, जबकि महिला के सिर में गंभीर चोट है, उसे परिजन उपचार के लिए कोटा ले गए हैं।
ठाकुर का कहना है कि महिला को योजनाबद्घ तरीके से निशाना बनाया गया है। उस पर और बेटे पर जानलेवा हमला किया गया। इसके पीछे कौन है, कहा नहीं जा सकता। महिला किस वाहन से इकहरा से आई यह भी पता नहीं चल पाया है। जब उनसे पूछा गया कि महिला से दुष्कर्म की खबरें भी आ रही हैं तो उन्होंने उसे सिरे से खारिज कर दिया।
वहीं महिला को गंभीर हालत में देखने वालों ने आशंका जताई है कि महिला के साथ ज्यादती हुई होगी और उसके विरोध करने पर आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया होगा। बेटा तो मर गया, मगर महिला गंभीर हालत में है। वह अचेत है, लिहाजा जब तक महिला होश में नहीं आ जाती तब तक हकीकत सामने नहीं आएगी।
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