झाबुआ। मध्य प्रदेश में अगले महीने 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले है। चुनाव के मद्देनजर प्रशासन ने आदिवासी बहुल झाबुआ के मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक करने के लिहाज से शराब की बोतलों पर एक स्टीकर लगवाया। ये स्टीकर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवादों में आ गया। दरअसल, सोसल नेटवर्किंग साइट्स वॉट्सऐप पर ऐसी शराब की बोतलों की तस्वीर वायरल होने पर लोग तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करने लगे, जिसके बाद झाबुआ कलेक्टर ने इन स्टीकरों को हटाने के आदेश दिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
झाबुआ कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सक्सेना के जरिए जनहित में जारी इन स्टीकरों पर आदिवासी भाषा में लिखा हुआ था। ‘हंगला वोट जरूरी से, बटन दबावा नूं, वोट नाखवा नूं। जिसका मतलब है ‘सबका वोट जरूरी है, बटन दबाना है, वोट देना है।’ ऐसे दो लाख स्टीकर मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए शराब ठेकेदारों को दिए गए थे। उन्हें इन्हें शराब की बोतलों पर चिपकाने के लिए कहा गया था। इन स्टीकरों के कारण शराब की बोलत पर लिखी वैधानिक चेतावनी भी नजर नहीं आ रही थी।
वॉट्सऐप पर इन स्टीकरों के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने स्टीकर चिपकाने के अपने आदेश को रविवार को वापस ले लिया है। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कान्ता राव ने इस बारे में पूछे एक सवाल के जवाब में बताया, ‘झाबुआ कलेक्टर ने ऐसे दो लाख स्टीकर छपवाए थे और उनमें से 200 से ज्यादा स्टीकर शराब से भरी बोतलों पर चिपकाए गए थे। ये स्टीकर वैध शराब वाली बोतलों पर लगाए गए थे।’ उन्होंने कहा, ‘जैसे ही हमें इस बात की जानकारी मिली, हमने तत्काल इन स्टीकरों को लगाने पर रोक लगा दी। अब शराब की बोतलों पर इन स्टीकरों को नहीं लगाएंगे। इसकी बजाय किसी दूसरी चीज पर इन स्टीकरों को लगाया जाएगा।
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