वहीं मिश्रा के अधिवक्ता
अनिल खरे ने संवाददाताओं को बताया कि, मंगलवार को कोई सुनवाई नहीं हुई,
भारती के अधिवक्ता ने बताया कि उनकी ओर से सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका
दायर की गई है, जिस पर न्यायाधीश ने सुनवाई दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी।
भारत निर्वाचन आयोग का फैसला 23 जून को आया था। इसके वावजूद नरोत्तम मिश्रा
दतिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक और राज्य के जनसंपर्क मंत्री बने हुए
हैं। उन्होंने आयोग के फैसले के खिलाफ ग्वालियर खंडपीठ में एक याचिका दायर
की थी, जिसकी पहली सुनवाई 30 जून को हुई, जिसमें आयोग के वकील ने जवाब के
लिए समय मांगा तो अगली सुनवाई पांच जुलाई नियत हुई। ये भी पढ़ें - परिवार में सारे अंधे,एक शख्स लाता है रोटी
ग्वालियर में
अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते पांच जुलाई को मिश्रा और प्रतिद्वंद्वी
राजेंद्र भारती ने अपनी पैरवी स्वयं की थी, जिसमें सुनवाई की अगली तारीख 10
जुलाई तय की गई थी। मिश्रा ने इस मामले को जबलपुर उच्च न्यायालय में
स्थानांतरित करवा लिया, जिस पर सुनवाई 11 जुलाई को होनी थी। इसी बीच जबलपुर
निवासी सुरेंद्र दुबे की तरफ से एक याचिका जबलपुर उच्च न्यायालय में दायर
की गई, जिसमें आयोग के फैसले के बावजूद मिश्रा के मंत्री व विधायक रहने पर
आपत्ति की गई है। इस पर सुनवाई की तारीख भी 11 जुलाई तय हुई थी। लेकिन
मामला सर्वोच्च न्यायालय में चले जाने के कारण इस पर सुनवाई भी टल गई।
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