जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला न्यायालय ने रिश्वतखोरी के मामले में महिला पटवारी और उसके पति को चार-चार साल की कैद और चार-चार हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह फैसला जिला अदालत के विशेष न्यायाधीश अक्षय द्विवेदी ने सुनाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लोकायुक्त के विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने बुधवार को बताया कि 13 जनवरी 2016 को विपिन पांडे ने जबलपुर के लोकायुक्त एसपी को शिकायत दी थी कि उनके पिता गोविन्द पांडे ने ग्राम बरेली में तीन एकड़ कृषि जमीन खरीदी थी। उनके पिता जमीन का नामांकरण उसके (विपिन) और उसकी बहन प्रमिला के नाम कराना चाहते थे। इस कार्य के लिए जब पांडे ने पटवारी संगीता उसरेठे से संपर्क किया तो उन्होंने पुरानी बही रख ली और नामांकरण करने और नई बही बनाने के लिए 3,000 रुपये रिश्वत की मांग की।
पांडे की शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने जबलपुर सिहोरा में आरोपी महिला पटवारी संगीता उसरेठे के घर पर दबिश दी। जहां महिला पटवारी ने यह कहते हुए रिश्वत लेने से इनकार कर दिया कि मैं ऐसे पैसों को हाथ नहीं लगाती, राशि पति को दे दो। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने रिश्वत की राशि पटवारी पति को दे दी। उसी समय लोकायुक्त की टीम ने पति-पत्नी दोनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए रिश्वत की राशि बरामद की।
पांडे के अनुसार, सुनवाई के बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश द्विवेदी ने आरोपी महिला पटवारी व उसके पति को दोषी करार देते हुए मंगलवार को कैद और जुर्माने की सजा सुनाई।
--आईएएनएस
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