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उदय सिंह शेखावत उर्फ भय्यूजी महाराज का सभी राजनीतिक दलों में दखल रहा है।
उनका कांग्रेस और आरएसएस के लोगों से करीबी रिश्ते हैं। वह समाज के लिए
लगातार तरह-तरह के कार्यक्रम चलाते रहे। वेश्याओं के 51 बच्चों को उन्होंने
पिता के रूप में अपना नाम दिया था। पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद पिछले
साल 49 वर्ष की उम्र में उन्होंने गालियर की डॉ. आयुषी के साथ दूसरी शादी
की थी। हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें 'राज्यमंत्री' का दर्जा
दिया था, मगर उन्होंने उसे ठुकरा दिया था।
भय्यूजी महाराज ने
कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर
अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन
भागवत, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे)
प्रमुख राज ठाकरे से भी उनके अच्छे संबंध थे।
कौन थे भय्यू जी महाराज-
1968 को जन्मे भय्यू महाराज का असली नाम
उदय सिंह देखमुख है। वह कपड़ों के एक ब्रांड के लिए कभी मॉडलिंग भी कर
चुके हैं। भय्यू महाराज का देश के दिग्गज राजनेताओं से संपर्क थे। हालांकि
वह शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे।
भय्यू जी महाराज तब
चर्चा में आए थे जब 2011 में अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए
तत्कालीन केंद्र सरकार ने उन्हें अपना दूत बनाकर भेजा था। इसी के बाद ही
अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था।
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