इंदौर। संत और आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज (उदय राव देशमुख) ने मंगलवार
को यहां अपने खंडवा रोड स्थित आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
चौहान ने गहरा शोक जताया। इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अजय कुमार
शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "भय्यूजी महाराज का उपचार के दौरान अस्पताल में
निधन हो गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इंदौर से विधायक
रमेश मेंदोला ने बॉम्बे अस्पताल से बाहर निकलते हुए संवाददाताओं से कहा,
"हमारे सिर पर से संत और संरक्षक का साया उठ गया है, अब वे हमारे बीच नहीं
रहे। वजह क्या थी, यह तो जांच में ही पता चलेगा।"
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी, "संत भय्यूजी महाराज को
सादर श्रद्धांजलि। देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व
को खो दिया। आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर
चलने के लिए प्रेरित करेंगे।"
इंदौर के पुलिस उप महानिरीक्षक
हरिनारायण चारी मिश्रा ने आईएएनएस से कहा, "भय्यूजी महाराज ने अपने आवास पर
खुद को गोली मार ली, उन्हें यहां के बॉम्बे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती
कराया गया। खुद को गोली मारने का कारण क्या है, इसका खुलासा अभी नहीं हो
पाया है।"
भय्यूजी महाराज के खुद को गोली मार लेने की खबर मिलते के बाद बॉम्बे हॉस्पिटल के बाहर उनके समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ है।
सूत्रों
का कहना है कि भय्यूजी महाराज ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपने सिर में गोली
मारी। वह अपने खंडवा रोड स्थित सिल्वर स्प्रिंग इलाके के अपने मकान की पहली
मंजिल पर थे। गोली की आवाज सुनने के बाद उनके आवास में मौजूद लोग उनके
कमरे की ओर दौड़े। उन्होंने लहूलुहान भय्यूजी को बॉम्बे अस्पताल पहुंचाया।
उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया, उपचार चला, मगर उन्हें बचाया नहीं जा
सका।
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