धार। हर पिता का सपना होता है कि उसका बेटा सफलताओं के कीर्तिमान स्थापित करें और जब कोई बाधा सामने आती है तो वह मुकाबला करने से भी नहीं हिचकता। मध्यप्रदेश के धार जिले में भी ऐसी ही कुछ बात सामने आई है, जहां बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए पिता ने 105 किलोमीटर साइकिल चलाई। वाक्या धार जिले के मनावर तहसील के बायडीपुरा गांव का है। यहां मजदूरी करने वाले शोभाराम के बेटे ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं की परीक्षा दी थी मगर उसे सफलता नहीं मिली। राज्य सरकार ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में असफल छात्रों के लिए रुक जाना नहीं योजना शुरू की। इसके तहत असफल छात्र दोबारा परीक्षा दे सकते हैं और अपना भविष्य संवार सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शोभाराम के बेटे आशीष भी दसवीं की परीक्षा में असफल रहा और उसे भी रुक जाना नहीं योजना के तहत परीक्षा देनी थी मगर कोरोना महामारी के कारण सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह बंद होने पर उसके सामने एक बड़ी समस्या आ गई, क्योंकि मोटरसाइकिल आदि उसके पास थी नहीं, लिहाजा उसने साइकिल से ही जिला मुख्यालय पर स्थित परीक्षा केंद्र तक पहुंचने का फैसला लिया। उसके घर से परीक्षा केंद्र की दूरी 105 किलोमीटर है।
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