दमोह। मध्य प्रदेश में रेप की बढ़ती वारदातों पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद नंदकुमार चौहान ने बेतुका बयान दिया है। पत्रकारों से बातचीत में नंद कुमार चौहान ने कहा कि इंटरनेट और स्मार्टफोन का चलन बढऩे के चलते रेप की वारदातें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं युवाओं तक स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच आसान हो गई है। वे इसपर आपत्तिजनक कंटेंट देखते हैं। ये उनके अबोध मन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मीडिया को इन सारे पहलुओं को भी कवर करना चाहिए।’ मध्य प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नंद कुमार चौहान से जब पूछा गया कि क्या साइबर सेल आपत्तिजनक कंटेंट पर रोक नहीं लगा सकता है! इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हरेक के मोबाइल फोन तक साइबर सेल का पहुंचना असंभव है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है।
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान...
आपको बता दें कि नंदकुमार चौहान कई बार पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं।
कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और हत्या के मामले चौहान ने
कहा था कि ये पूरी साजिश पाकिस्तान ने रची है। यहीं नहीं कुछ महीने पहले
उन्होंने पुलिस को लेकर भी विवादित बयान दिया था। एक कार्यक्रम के दौरान
उन्होंने कहा था, 'पुलिस भी दबाव में काम करती है। जब एक अपराधी जुर्म करने
के बाद जनप्रतिनिधियों से मदद मांगता है तो मजबूरी में हमें उसके लिए
पुलिस को फोन करना पड़ता है कि आदमी ने यह किया है इसे छोड़ दें।'
दुष्कर्मियों में फांसी से खौफ पैदा करना होगा...
वहीं मध्य प्रदेश में मासूम बच्चियों के साथ हैवानियत की बढ़ती घटनाओं पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हृदय विदारक घटनाओं को अंजाम देने वालों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाना चाहिए, इसके बिना उनमें खौफ पैदा नहीं होगा। शिवराज ने इंदौर, मंदसौर और सतना में मासूम बेटियों के साथ दुष्कर्म और ज्यादती की घटनाओं के संबंध में कहा, ‘ये घटनाएं हृदय विदारक हैं, अंदर तक झकझोर देती हैं। जो लोग ऐसा काम करते हैं वे राक्षस हैं, नरपिशाच हैं। ऐसे लोग धरती पर रहने लायक नहीं हैं। ऐसे व्यक्तियों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाना चाहिए। इसके बिना खौफ पैदा नहीं होगा।’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अक्सर देखा गया है कि निचली अदालत में दरिंदों को फांसी की सजा हो जाती है। फिर ऊपरी अदालतों में मामला जाता है और प्रक्रिया लंबी हो जाती है। दुष्टों को फांसी देने में देर हो जाती है, इसीलिए ऐसे मामलों में जल्दी सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अनुरोध गया है। उन्होंने कहा कि उच्च अदालतों में भी फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर त्वरित सुनवाई होनी चाहिए, ताकि ऐसे नरपिशाचों को जल्द से जल्द फांसी हो सके। चौहान ने कहा कि वे अभियान चलाएंगे कि मासूम बेटियों से ज्यादती करने वाले दरिदों को किसी भी कीमत पर फांसी की सजा मिले।
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