बुरहानपुर। बुरहानपुर नगर निगम के सम्मेलन में 28 अगस्त को एक गंभीर हंगामा देखने को मिला। जब नगर निगम अध्यक्ष अनीता यादव देर तक अपनी सीट पर नहीं आईं, तो विपक्षी कांग्रेस के पार्षदों ने जोरदार नारेबाजी की। उनका उद्देश्य अध्यक्ष को सम्मेलन में उपस्थित होने के लिए मजबूर करना था। यह प्रदर्शन भाजपा के पार्षदों को पसंद नहीं आया और उन्होंने इसका विरोध किया।
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भाजपा ने इस नारेबाजी को असंवैधानिक बताते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्षदों का यह तरीका सही नहीं है। उनके अनुसार, यह कार्रवाई नगर निगम की गरिमा और नियमों के खिलाफ है।
सत्तापक्ष ने अध्यक्ष के सम्मेलन में अनुपस्थित रहने को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, जबकि विपक्ष ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा करार दिया है। यह घटना नगर निगम की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आई है, जो आगामी दिनों में और भी राजनीतिक बवाल खड़ा कर सकती है।
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