भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत में हलचल मचा देने वाले हनीट्रैप कांड में नए चेहरों के बेनकाब होने का दौर तो जारी है, मगर अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर बड़े व नामी किरदारों के चेहरों से नकाब कब हटेगा? राज्य में बीते तीन माह से हनीट्रैप और उससे जुड़े कुछ किरदार तो जेल की सलाखों के पीछे हैं, मगर जिन बड़े और नामी किरदारों के नाम चर्चाओं में हैं, उन तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। हर तरफ से एक ही सवाल उठ रहा है कि उन बड़े नामी लोगों के बेनकाब होने की बारी कब आएगी, जो इस अवैध कारोबार के मुख्य किरदार रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सामाजिक कार्यकर्ता ऐश्वर्य पांडे का कहना है कि हनीट्रैप कांड से प्रदेश के बड़े-बड़े लोग जुड़े हैं। एक तरफ वे लोग हैं, जिन्होंने लड़कियों के सहारे करोड़ों रुपये कमाए, दूसरी तरफ वे लोग हैं जिन्होंने इनके जाल में फंसकर करोड़ रुपये देकर अपने को बचाया।
उन्होंने कहा कि पुलिस को इन सब की जानकारी है, फिर भी उनके नाम सामने क्यों नहीं आ रहे हैं? इससे कई तरह के सवाल उठना लाजिमी है। आखिर इन लोगों को कौन बचा रहा है, यह भी साफ होना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि व्यापम मामले की तरह बड़े लोगों पर आंच ही न आए।
भोपाल की एक अदालत में शनिवार को दाखिल किए गए आरोपपत्र ने इस अवैध कारोबार में कुछ व्यवसायी और पत्रकारों की हिस्सेदारी का खुलासा किया है, जो नामी लोगों को ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूलने में अहम भूमिका निभाया करते थे।
एसआईटी द्वारा भोपाल की अदालत में पेश आरोपपत्र से खुलासा हुआ है कि इस काम में कई व्यवासायी और पत्रकार भी अहम भूमिका निभाते थे। आरोपपत्र में आरोपी मोनिका यादव के बयान का भी जिक्र है, जो चौंकाने वाला है। कहा गया है कि एक व्यवासायी जो अखबार का मालिक भी है, जो दो टीवी पत्रकारों के साथ मिलकर अवैध वसूली का धंधा किया करते थे।
आरोपपत्र के अनुसार, पैसे के लेन-देन से लेकर तबादलों, एनजीओ को फंड दिलाने आदि में मदद का काम भी कारोबारी और दोनों पत्रकार मिलकर करते थे। युवतियां अफसरों, नेताओं की अश्लील फिल्म बनाकर सौदेबाजी का काम कारोबारी और पत्रकार को सौंप देती थीं।
इन महिलाओं ने छतरपुर जिले के एक कांग्रेस नेता की भी अश्लील फिल्म बना ली थी, मगर एक पुलिस अधिकारी के दखल के चलते वे उससे रकम नहीं ऐंठ पाई थीं। हालांकि उन्होंने कई अधिकारियों से मोटी रकम वसूली थी।
राज्य में हनीट्रैप मामले का खुलासा अक्टूबर माह में इंदौर की पुलिस ने किया था। नगर निगम के इंजीनियर हर भजन सिंह से एक युवती ने तीन करोड़ रुपये की मांग की थी और ऐसा न करने पर बदनाम करने की धमकी दी थी। इस मामले में कुल पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी अभी जेल में हैं।
इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। इस गिरोह की महिलाओं, नेताओं, अफसरों और व्यापारियों के गठजोड़ का खुलासा भी हो चुका है। ये महिलाएं मोटी रकम के एवज में अधिकारियों के तबादले से लेकर ठेके दिलाने तक का काम करती थीं।
--आईएएनएस
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