मुख्यमंत्री ने इस अभूतपूर्व विजय के दो कारण बताए कि एक कारण तत्कालीन
प्रधानमंत्री भारतरत्न इंदिरा गांधी का ²ढ़ संकल्प और राजनीतिक नेतृत्व और
दूसरा कारण था भारतीय थल सेना अध्यक्ष और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेटी के
अध्यक्ष जनरल एच.एच.एफ .जे. सैम मानेकशॉ का कुशल रणनीतिक नेतृत्व।
मुख्यमंत्री ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 16 दिसंबर, 1971
को संसद में दिए गए वक्तव्य का प्रमुख अंश दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा
था कि मुझे एक घोषणा करनी है कि पश्चिमी पाकिस्तान की सेना ने बिना शर्त
समर्पण कर दिया है। यह संसद और समूचा राष्ट्र इस ऐतिहासिक घटना पर खुशी से
झूम रहा है।
हमें अपनी थलसेना, नौसेना और वायुसेना तथा सीमा सुरक्षा बल पर
गर्व है, जिन्होंने अत्यंत शानदार तरीके से अपनी गुणवत्ता और क्षमता का
प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1971 की इस जीत ने भारत को एक
अंतर्राष्ट्रीय शक्ति के रूप में स्थापित किया। इससे देश की तत्कालीन
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पूरे विश्व में ²ढ़ता के साथ निर्णय लेने
वाली आयरन लेडी के रूप में पहचान मिली।
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