भोपाल । मध्य प्रदेश में ऑन लाइन गेम
खेलते बच्चों के घातक कदम उठाने के मामलों को राज्य सरकार ने गंभीरता से
लिया है। यही कारण है कि इस तरह के गेम बनाने वाली कंपनियों को कानूनी
दायरे में लाने की तैयारी हो रही है ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
राज्य के छतरपुर जिले में पिछले दिनों एक किशोर ऑन लाइन गेम में लगभग 40
हजार रुपए हार गया और बाद में आत्महत्या कर ली। इस घटना को लेकर राज्य के
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि, "छतरपुर में ऑनलाइन गेम 'फ्री
फायर' के कारण बच्चे की जान जाने की घटना दुखद है, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर
जांच शुरू कर दी है। ऐसे गेम बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कानूनी
कार्रवाई के लिए विधि विभाग के अफसरों से राय मशविरा कर रहा हूं। जल्द
इन्हें कानून के दायरे में लाकर कार्रवाई करेंगे।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बढ़ते साइबर
क्राइम को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि, साइबर क्राइम को लेकर एमपी
पुलिस पूरी तरह चौकस है। उसने इस तरह के अपराध में लिप्त कई गिरोहों का
खुलासा कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया है। हमारी प्राथमिकता साइबर
क्राइम को ध्वस्त करने की है। इसे अंजाम देने वाले तत्वों को किसी भी सूरत
में बख्शा नहीं जाएगा।
ज्ञात हो कि बीते शुक्रवार को छतरपुर शहर में
एक 13 साल के बच्चे ने फांसी लगा कर आत्मह्त्या कर ली थी। इसकी वजह मोबाइल
पर ऑनलाइन गेम खेलते हुए पैसे गवाना था। बच्चे के गेम खेलते हुए 40 हजार
रुपए हारने की भनक जब उसकी मां को लगी तो मां ने बच्चे को डांट दिया था।
इसी बात से नाराज किशोर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बच्चे ने
सुसाइड नोट हिंदी और अंग्रेजी में भी लिखा था कि वह फ्री फायर नामक गेम
खेलता था उसने मां के खाते से 40 हजार रुपए निकाले थे। उसने सुसाइड नोट में
परिजनों से माफी भी मांगी थी।
--आईएएनएस
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