भोपाल । मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव का टलना तय हो गया है, क्योंकि शिवराज कैबिनेट ने पंचायत राज संशोधन अध्यादेश को वापस ले लिया है।
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कैबिनेट की बैठक के बाद गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि
मध्य प्रदेश सरकार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश वापस ले रही है। अध्यादेश
विधानसभा में प्रस्तुत होना था लेकिन विधेयक विधानसभा में पेश नहीं हो सका।
सरकार राज्यपाल से इस अध्यादेश को वापस लेने का प्रस्ताव देगी ।
मिश्रा
का कहना है कि मुझे लगता है कि राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद चुनाव
आयोग के सामने कोई और विकल्प नहीं होगा क्योंकि इसी अध्यादेश के आधार पर
चुनाव कराए जा रहे थे।
राज्य चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों का कहना है सरकार के इस फैसले के बाद पंचायत चुनाव रद्द होने की संभावना बढ़ रही है।
पंचायतों
के परिसीमन और आरक्षण में रोटेशन की लंबी लड़ाई लड़ने वाले कांग्रेस के
प्रवक्ता सैयद जाफर का कहना है, "आखिरकार प्रदेश की ग्रामीण जनता की जीत
हुई है। सरकार ने पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है। सरकार कोरोना का खतरा बता
रही हो लेकिन असल डर तो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का था , जिसमें हम यह
साबित कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव गैर संवैधानिक हैं। अब
सरकार ने हमें मौका दिया है कि न्यायपालिका प्रदेश सरकार को जल्द संवैधानिक
जवाब दे दे कि पंचायत चुनाव गैर संवैधानिक थे।"
--आईएएनएस
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