भोपाल। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के साथ शुरू हुआ सियासी ड्रामा अभी जारी है। कई सालों तक कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सिंधिया ने पिछले दिनों भाजपा का दामन थाम राज्य की कमलनाथ सरकार को तगड़ा झटका दिया। सिंधिया का मानना था कि उन्हें लोगों की सेवा का मौका नहीं मिल रहा था, ऐसे में उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। उन्हें करीब सवा साल पहले सरकार गठन के बाद से ही कोई तवज्जों नहीं मिली। सिंधिया के साथ कई विधायकों ने भी कांग्रेस छोड़ दी। अब सरकार पर संकट के बादल मंडराए हुए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
UPDATES :-
- पूर्व
मुख्यमंत्री शिवराज ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उनका कहना है कि
बेंगलुरू गए कांग्रेस के बागी विधायक प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ
हैं। यह बात स्वयं विधायकों ने जाहिर कर दी है। उन्होंने कहा, "बागी विधायकों ने यह बात साफ कर दी है कि उन्हें बंधक
बनाकर नहीं रखा गया है, वे अपनी मर्जी से यहां आए हैं। इससे कांग्रेस
द्वारा लगाए जा रहे आरोप झूठे साबित होते हैं। वहीं विधायकों ने यह भी कहा
कि वे वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ हैं।"
उन्होंने कहा,
"वर्तमान सरकार अल्पमत में है, उसके बाद भी संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां
की जा रही हैं। महिला आयोग अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष जैसे पदों पर
नियुक्तियां कर दी गई हैं। दागी अफसर को मुख्य सचिव बना दिया गया है। इसी
तरह विद्युत नियामक आयोग में नियुक्ति की कोशिश हो रही है।" पूर्व
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा, "कमलनाथ अब
इधर-उधर की बात न कर फ्लोर टेस्ट कराएं, इसके जरिए दूध का दूध और पानी का
पानी हो जाएगा, अगर सरकार बहुमत में है तो वह बताएं। फ्लोर टेस्ट से डरते
क्यों हैं? यह उनकी ओर से सिर्फ समय आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है।"
शिवराज
ने कहा, "वर्तमान सरकार किसी तरह अपने को बचाने की कोशिश कर रही है, मगर
यह बचने वाली नहीं है, भाजपा के विधायकों ने राज्यपाल के सामने परेड की है।
संख्या का गणित स्पष्ट है। यह सरकार बहुमत खो चुकी है और भाजपा को आज
उपलब्ध विधानसभा सदस्यों की संख्या के आधार पर बहुमत है, इन स्थितियों में
सिर्फ फ्लोर टेस्ट एकमात्र तरीका है।"
- भाजपा नेताओं ने मंगलवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर कहा कि
राज्य में कमलनाथ सरकार अल्पमत में है, इसके बावजूद राज्य में असंवैधानिक
तरीके से संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं। इन नियुक्तियों पर
रोक लगाई जाए।
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष
गोपाल भार्गव, प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा सहित अन्य नेता शामिल थे।
- मध्यप्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच भाजपा का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को एक बार फिर राजभवन पहुंचा। भाजपा नेताओं की राज्यपाल के साथ चर्चा चल रही है। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के अलावा अन्य नेता भी शामिल हैं। भाजपा की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इस कारण सरकार अल्पमत में आ गई है। बीते तीन दिनों में राज्यपाल लालजी टंडन की ओर से दो पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) के लिए कहा गया, मगर उस पर अमल नहीं हुआ। राज्यपाल ने 17 मार्च तक फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था और यह भी कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो माना जाएगा कि सरकार को बहुमत नहीं है। इसी बात को लेकर भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राजभवन पहुंचा है।
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