भोपाल। मध्य प्रदेश में करीब सवा साल पहले विधानसभा चुनाव हुए थे। इनमें कांग्रेस ने 15 साल से राज कर रहे भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ को ढहा दिया था। हालांकि इसके बाद कांग्रेस में सीएम पद को लेकर काफी समय तक रस्साकसी देखने को मिली। अंत में अनुभवी नेता कमलनाथ को युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर वरीयता दी गई और उन्हें सीएम की जिम्मेदारी मिली। तब से ही दोनों नेताओं और उनके समर्थकों में ठनी हुई थी। इसी का नतीजा हुआ कि सिंधिया ने कांग्रेस में अपनी अनदेखी से आहत हो आगामी राज्यसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा का दामन थामने की ठान ली है। फिलहाल मध्यप्रदेश में जबरदस्त सियासी हलचल मची हुई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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- मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर गहराए संकट के बीच कांग्रेस विधायकों की
यहां मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई, जिसमें 94 विधायक पहुंचे, जिनमें कुछ निर्दलीय MLA भी बताए जा रहे हैं।
बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की। कांग्रेस के 19 विधायक
इस्तीफा दे चुके हैं, जो बैठक में नहीं पहुंचे।
- मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर गहराए संकट के बीच कांग्रेस विधायकों की यहां मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को बैठक शुरू हो गई है। संभावना है कि कांग्रेस के विधायक सामूहिक इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं।
राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं, क्योंकि बाहरी समर्थन से चलने वाली सरकार के 19 विधायकों ने इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष एन.पी. प्रजापति को भेज दिया है। इस सियासी संकट से कैसे निपटा जाए, कांग्रेस में इस पर मंथन सुबह से चल रहा है। विधायकों की मंगलवार सुबह बैठक प्रस्तावित थी, जो शाम को हो रही है।
मुख्यमंत्री आवास पर हो रही बैठक में अब तक लगभग 70 विधायक पहुंचे हैं, वहीं अन्य विधायकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। कांग्रेस का दावा है कि 90 से 100 विधायक इस बैठक में पहुंच सकते हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि कांग्रेस की सरकार को कोई खतरा नहीं है, और आगामी 17 मार्च तक इस मामले में इंतजार करना चाहिए।
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद 19 सिंधिया समर्थक विधायकों ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। इन विधायकों के इस्तीफे की मूल प्रति भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभाध्यक्ष एन.पी. प्रजापति को सौंपे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह कांग्रेस के 19 विधायकों के इस्तीफों की मूल प्रतियां लेकर भोपाल पहुंचे। सिंह ने अन्य भाजपा नेताओं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, बृजेंद्र सिंह के साथ विधानसभाध्यक्ष एन.पी. प्रजापति के आवास पर पहुंचकर विधायकों के इस्तीफे की मूल प्रति सौंपी।
सिंह ने इस्तीफा देने वाले विधायकों के नाम और उनके त्यागपत्र का जिक्र किया। सिंह ने बताया कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसौदिया के अलावा विधायक हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरराज दंडौतिया, रक्षा संतराम सिरौनिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव के इस्तीफे दिए हैं। इन विधायकों के त्यागपत्र में उनके हस्ताक्षर हैं। सिंह ने बताया कि कांग्रेस के कुछ और विधायक इस्तीफे दे सकते हैं।
कुल मिलाकर ऐसे विधायकों की संख्या 30 तक हो सकती है। भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस्तीफे की प्रति सौंपे जाने के बाद विधानसभाध्यक्ष प्रजापति का कहना है कि सदस्यों ने इस्तीफे की जो प्रतियां दी हैं, उन पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। सिंधिया द्वारा कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दिए जाने के कुछ देर बाद ही विधायकों के इस्तीफे शुरू हो गए। 19 विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष तक अपने इस्तीफे भेजे थे। इसके साथ ही इन विधायकों ने एक साथ अपनी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी।
- मंगलवार दोपहर कांग्रेस के दो और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले सिंधिया गुट के 20 विधायकों ने भी त्यागपत्र दे दिया था। मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। दो एमएलए का निधन हो चुका है। कांग्रेस के कुल 114 विधायक थे। 22 के इस्तीफा देने से यह संख्या 92 ही रह गई। कांग्रेस के पास 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक का समर्थन है। यानी उसके साथ 99 विधायक ही हैं। दूसरी ओर भाजपा के 107 विधायक हैं। विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 206 ही रह गई है। ऐसे में बहुमत के लिए 104 विधायकों की आवश्यकता है।
- मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यहां मंगलवार को मुलाकात की। समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने मुलाकात के दौरान मध्य प्रदेश में पार्टी की तरफ से उठाए जाने वाले आगे के कदम पर चर्चा की है।
- मध्यप्रदेश कांग्रेस के 19 बागी विधायकों और सांसदों ने शहर में अपने प्रवास के दौरान पुलिस सुरक्षा की मांग की है। पार्टी के एक सूत्र ने मंगलवार को यह बात बताई। विधायकों ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक को लिखे एक पत्र में कहा है कि हम मध्य प्रदेश राज्य के विधायक और सांसद हैं।
हम कुछ महत्वपूर्ण कार्य से कर्नाटक राज्य आए हुए हैं, जिसके लिए हमें बेंगलुरू प्रवास के दौरान सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस का संरक्षण चाहिए। पुलिस के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि सोमवार की तिथि वाला पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र पर विधायकों के हस्ताक्षर हिंदी और अंग्रेजी में हैं। बागी विधायक सोमवार को दो बैच में चार्टर्ड विमान से बेंगलुरू पहुंचे और कथित तौर पर वे शहर के बाहर स्थित एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं।
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