भोपाल/दिल्ली। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों ने राज्य की राजधानी भोपाल से लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक की सियासत में हलचल मचा दी है। कांग्रेस के लिए राहत भरी खबर यह है कि पांच विधायकों को चार्टर प्लेन से दिल्ली से भोपाल लाया गया है। लेकिन तीन-चार विधायक अभी भी भोपाल नहीं लौटे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भोपाल से दिल्ली तक मची सियासी हलचल के बीच पांच विधायक रामबाई, संजीव कुशवाहा, राजेश शुक्ला (सपा), एदल सिंह कंसाना और रणवीर जाटव को बुधवार को भोपाल लाया गया है। इन सभी विधायकों को स्टेट हैंगर से सीधे मुख्यमंत्री आवास ले जाया गया है, जहां इन विधायकों से मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया बातचीत कर रहे हैं। वहीं तीन-चार विधायक अब भी भोपाल से बाहर हैं।
मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने चार विधायकों को बेंगलुरू ले जाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने कांग्रेस के छह, बसपा के दो (एक निलंबित) और एक निर्दलीय विधायक को गुडग़ांव के एक होटल में बंधक बनाया था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दो दिन पहले सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों को 25 से 35 करोड़ रुपए का ऑफर दिए जाने का आरोप लगाया था और फिर कुछ विधायकों को भाजपा द्वारा दिल्ली ले जाने की बात कही थी।
उसके बाद से राज्य की सियासत में हलचल मची हुई है। कमलनाथ सरकार को समर्थन देने वाले आठ-नौ विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने और उन्हें दिल्ली ले जाने के खुलासे से सियासी ड्रामा सस्पेंस वाला हो गया था। इन विधायकों तक पहुंचने के प्रयास हुए। बीती रात लगभग डेढ़ बजे बसपा विधायक रामबाई को हरियाणा के गुरुग्राम के एक होटल से मुक्त कराया गया। कहा यह जा रहा है कि इस होटल में सात विधायकों को रखा गया था।
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