हैदराबाद। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद
को प्रायोजित करना बंद नहीं करेगा, तब तक दोनों देशों के बीच वार्ता नहीं
हो सकती। उन्होंने कहा कि वार्ता और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।
उन्होंने कहा कि भारत हालांकि करतारपुर कॉरिडोर के विकास का स्वागत करता
है, लेकिन हम तब तक वार्ता नहीं करेंगे, जब तक इस्लामाबाद आतंकवाद को
बढ़ावा देना बंद नहीं करता। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
स्वराज ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता और करतारपुर कॉरिडोर बिल्कुल अलग-अलग चीज है। मैं
बहुत खुश हूं कि बीते 20 वर्षो से भारत सरकार करतारपुर कॉरिडोर की मांग कर
रही थी और पहली बार पाकिस्तान ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो
जाएगी..हम हमेशा कहते हैं कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।
पाकिस्तान जैसे ही भारत में आतंकवादी गतिविधि रोकेगा, वार्ता शुरू हो
जाएगी। वार्ता केवल करतारपुर कॉरिडोर से जुड़ी हुई नहीं है।"
सुषमा
स्वराज ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत, पाकिस्तान में दक्षेस सम्मेलन में
भाग नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि भारत सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के आमंत्रण का जवाब नहीं देगा।
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