भोपाल | लगता है मध्यप्रदेश में इन दिनों जनप्रतिनिधियों के बुरे दिन चल रहे हैं। यही कारण है कि एक के बाद एक जनप्रतिनिधि मुसीबतों में घिरते जा रहे हैं। तीन विधायकों की विधानसभा की सदस्यता पर तलवार लटक रही है तो वहीं एक मंत्री पर आरोप लगे हैं। इसके अलावा एक पूर्व मंत्री को तो जेल तक जाना पड़ा है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं मगर उससे पहले ही जनप्रतिनिधियों की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसके चलते मुसीबत में घिरे नेताओं का सियासी भविष्य खतरे में पड़ता नजर आने लगा है। सभी अपने बचाव में लगे हैं मगर मुसीबत है कि उनका पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वर्तमान में तीन विधायक जिनमें दो भारतीय जनता पार्टी के हैं और एक कांग्रेस के है जिनकी सदस्यता खतरे में नजर आ रही है। उमा भारती के भतीजे और टीकमगढ़ जिले के खरगापुर विधानसभा से विधायक राहुल लोधी के खिलाफ न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए उनकी सदस्यता को शून्य घोषित कर दिया है। इसी तरह अशोक नगर के विधायक जजपाल सिंह जज्जी के साथ हुआ है। इसके अलावा मुरैना की सुमावली विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजब सिंह कुशवाह को दो साल की सजा सुनाई गई है।
इन तीनों विधायकों का भविष्य आगामी दिनों में ही तय होगा, इसी बीच राज्य सरकार के मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव भी विवादों में घिर गए हैं क्योंकि एक महिला ने उन पर कथित तौर पर गंभीर आरोप लगाए, मगर यह तो मंत्री की खुशनसीबी है कि बाद में उस महिला ने उन आरोपों का खंडन कर दिया। वहीं कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर मुसीबत में है और वे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल में है।
सियासी गलियारों में तो चर्चा इस बात की है कि अब देखते हैं कि आने वाले दिनों में किस जनप्रतिनिधि की मुसीबत बढ़ने वाली है क्योंकि अनुमान यह है कि चुनाव जैसे जैसे करीब आएंगे राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की मुसीबतें तो बढ़ेगी ही, उन पर आरोप लगने के सिलसिले भी शुरू हो जाएंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दोनों ही राजनीतिक दलों से जुड़े कई नेताओं की गतिविधियां जनविरोधी रही हैं और जनता के बीच उनको लेकर नाराजगी भी है, इसी के चलते आने वाले दिनों में कई बड़े मामले भी खुलकर सामने आ सकते हैं। वही राजनीतिक विद्वेष के चलते बदला लेने के लिए भी मामले उछाले जा सकते हैं।
(आईएएनएस)
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