राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियाज खान की पहचान एक लेखक के तौर पर भी
है। उन्होंने लिखा, भारत के एक लेखक और नागरिक के रूप में मैं माननीय
प्रधानमंत्री से इस बात पर विचार करने का अनुरोध करता हूं। यह समय की
तत्काल जरूरत है। केवल ईमानदार लोगों को ही देश का नागरिक होना चाहिए।
गौरतलब है कि नियाज खान अपनी टिप्पणी के कारण कई बार चर्चाओं में रहे हैं।
एक बार फिर उन्होंने अपने सुझाव के जरिए नई बहस को जन्म दे दिया है। नियाज
खान इससे पहले मॉब लिंचिंग के दौरान अपने एक बयान के चलते चर्चाओं में रहे
थे।
तब उन्होंने अपनी किताब और अपना नया नाम खोजने का उल्लेख करते हुए कहा
था, पिछले छह महीनों से मैं इस पुस्तक के लिए और अपने लिए एक नया नाम ढूंढ
रहा हूं, ताकि मैं अपनी मुस्लिम पहचान छिपा सकूं। खुद को नफरत की तलवार से
बचाने के लिए यह जरूरी है। नियाज खान ने डेस्टिनी इन ड्रग्स, ब्लैक ग्रेव,
अनटोल्ड सीक्रेट ऑफ माई आश्रम, लव डिमांड्स ब्लड और तलाक नामक उपन्यास लिखे
हैं।
(IANS)
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