इस संशोधन प्रस्ताव के विधानसभा में पारित होकर कानून बनने के बाद यदि कोई
व्यक्ति गोरक्षा के नाम पर हिंसा करेगा तो उसे छह महीने से लेकर तीन साल की
सजा और 25 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना देना पड़ेगा। गौरतलब
है कि राज्य में गौवंश के मामले में वाहन चालक, परिचालक सहित अन्य लोगों की
पिटाई के कई मामले सामने आ चुके हैं। सरकार इस नए प्रावधान के होने पर
हिंसक घटनाओं पर रोक की संभावना जता रही है। इसके अलावा कानून के चलते
पशुओं की प्रदेश के भीतर और बाहर खरीदी-बिक्री में इसके बाद से कोई समस्या
नहीं आएगी।
(IANS)
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