भोपाल। मध्य प्रदेश के 13 सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के शिक्षक समयबद्घ पदोन्नति और सातवें वेतनमान की मांग को लेकर सामूहिक इस्तीफा देने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। जबकि एक हजार से ज्यादा चिकित्सक अपने-अपने डीन को इस्तीफे पहले ही सौंप चुके हैं। सरकार की ओर से चिकित्सा शिक्षकों को मनाने के प्रयास जारी हैं, मगर अब तक बात नहीं बन पाई है। मप्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के आह्वान पर चिकित्सा शिक्षकों ने इस्तीफे देने शुरू किए हैं। शिक्षकों ने नौ जनवरी से काम बंद करने का ऐलान किया है। अब तक राज्य के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों के एक हजार से ज्यादा शिक्षक अपने इस्तीफे संबंधित महाविद्यालयों के डीन को सौंप चुके हैं। वहीं शेष चिकित्सा शिक्षक एक-दो रोज में अपने इस्तीफे सौंप देंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य के 13 सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में 3300 से ज्यादा चिकित्सा शिक्षक हैं। वे समयबद्घ पदोन्नति और वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन की राह पर हैं। आंदोलनकारी चिकित्सा शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश सरकार चिकित्सा शिक्षकों को एक जनवरी, 2018 से सातवां वेतनमान दे रही है, जबकि दूसरे विभागों में एक जनवरी, 2016 से दिया गया है। समयबद्घ पदोन्नति को लेकर भी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
आंदोलनकारी चिकित्सा शिक्षकों की गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधो और शुक्रवार को जनसंपर्क मंत्री पी. सी. शर्मा से बातचीत हुई, मगर बातचीत बेनतीजा रही है।
--आईएएनएस
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