राज्य में सत्ता बदलने के बाद नई सरकार के मंत्रियों के यहां तैनाती को
लेकर पूर्ववर्ती सरकार के निजी स्टाफ ने हर स्तर पर जोर लगाया। साथ ही अपने
अनुभव का हवाला दिया और अपनी निष्ठा जताने में भी देरी नहीं की। तमाम
मंत्रियों के यहां पूर्व से पदस्थ कर्मचारी मौका भी पा गए। राजनीतिक
विश्लेषक साजी थॉमस का कहना है कि सियासी गलियारे में एक खास वर्ग हमेशा
सक्रिय रहता है, जिसका लक्ष्य सत्ता में हिस्सेदारी होता है।
राज्य में
सत्ता में हुए बदलाव के बाद भी ऐसा ही हुआ। कांग्रेस सरकार में अधिकांश
पहली बार मंत्री बने हैं, लिहाजा उन्हें निजी स्टाफ की जरूरत थी। पूर्व से
तैनात कर्मचारियों ने मंत्रियों में भरोसा पैदा किया और मंत्रियों के लिए
उनके मुनाफे के रास्ते भी बताए। लिहाजा मंत्री उनकी बातों में आ गए और अपने
वरिष्ठ नेताओं की सलाह को दरकिनार किया।
अब फजीहत हुई तब उनकी नींद टूटी
है। अभी भी कई मंत्री ऐसे हैं, जिनके यहां पूर्ववर्ती सरकार के कर्मचारी
तैनात हैं। ज्ञात हो कि हनीटेप में पकड़ी गईं महिलाओं के नौकरशाहों और
राजनेता से गहरे रिश्तों की बात पहले ही सामने आ चुकी है। मंत्रियों के
यहां भी उनकी घुसपैठ थी।
(IANS)
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